Brahma Kumaris
ब्रह्मा बाप समान, एक कविता (Hindi Poem)
Becoming equal to Brahma baba (a Hindi poem for special January Purusharth)
अव्यक्त मास दिनांक 1.1.2019 से 31.1.2019 तक की मुरलियों में ब्रह्मा बाप समान बनने के लिए प्राप्त विशेष पुरुषार्थ की पॉइंट्स को आधार बनाकर यह कविता बनाई गई है।
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*** Poem ***
अन्तर्मुखी अव्यक्त और अलौकिक बन जाओ
अव्यक्त फरिश्ते स्वरूप में नजर सबको आओ
अलौकिकपन में कभी लौकिकपन ना मिलाना
अलौकिक और अन्तर्मुखी नजर सबको आना
औरों के दिल का राज अन्तर्मुखता द्वारा जानो
इसी विधि द्वारा औरों के मन के भाव पहचानो
साधारणता में असाधारण का अनुभव कराओ
बाहरमुखता में आते अन्तर्मुखता भी अपनाओ
बाहरमुखता के कारण ना आए कोई व्यवधान
कर्म व्यवहार में आते हुए रखना इसका ध्यान
बाप समान तुम अपनी रूहानी स्थिति बनाओ
दिव्य गुणों का एसेंस अपने अन्दर भरते जाओ
कर्म सभी करना सदा तुम होकर तन से न्यारा
यही अलौकिकपन तुम्हें बनाएगा सबका प्यारा
सितारों के संगठन में विशेष सितारा कहलाओ
अपने जीवन को बाप जैसा अलौकिक बनाओ
नैनों से तुम बाप समान रूहानियत झलकाओ
चलन से बाप के चरित्र का साक्षात्कार कराओ
अपने मस्तक से सदा मस्तकमणी नजर आओ
अपनी अलौकिक अवस्था प्रत्यक्ष करते जाओ
कर्म करते बन जाओ फरिश्ता और निराकारी
बाप समान करो ये एक्सरसाइज मन की सारी
जितना खुद को तुम बोझ मुक्त बनाते जाओगे
बाप समान फरिश्ता सबको नजर तुम आओगे
चलते फिरते देहभान रहित का अनुभव पाओ
देहभान से न्यारा अपना प्रकाश रूप दिखाओ
देह से न्यारी स्वयं की फरिश्ता स्थिति बनाओ
ब्रह्मा बाप का ये अभ्यास फॉलो करते जाओ
परमधाम जाने के लिए अव्यक्त रूप अपनाओ
मन की एकाग्रता पर विशेष ध्यान देते जाओ
वृत्ति दृष्टि कर्म में न्यारेपन का अनुभव कराओ
दिव्य फरिश्ता स्वरूप में नजर सबको आओ
अपना फरिश्ता रूप का अनुभव सदा बढ़ाओ
अशरीरीपन का अभ्यास बार बार करते जाओ
एक सेकण्ड में सारे व्यर्थ संकल्पों को मिटाओ
सारे संस