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मुरली रिविज़न (Murli Main Points Revision)


मुरली रिविज़न 1 मिनट में. Quick revision of Shiv baba's Gyan murli of 30 June 2019. Murli points in Hindi. Also visit: Articles and Video Gallery

★ MURLI REVISION 【30】【06】【19】 अव्यक्त बापदादा * रिवाइज:- 19-12-84 ■□■□■□■□■□■□■□■□■□ ☆ मुरली सार ☆

'' सर्व श्रेष्ठ, सहज तथा स्पष्ट मार्ग '' ■□■□■□■□■□■□■□■□■□ ● मुरली के मुख्य बिंदु ● ■□■□■□■□■□■□■□■□■□ ■ आज बापदादा विशेष स्नेही, सदा साथ निभानेवाले अपने साथियों को देख रहे है। ■ साथी अर्थात सदा साथ रहनेवाले। हर कर्म में, संकल्प में साथ निभानेवाले। ■ साथी अर्थात हर कदम पर कदम रख आगे बढ़ने वाले। एक कदम भी मनमत परमत ना हो। ■ ऐसे श्रेष्ठ साथी हर कदम रखते हुए रास्ता स्पष्ट कर देते है। ■ आपको सिर्फ कदम पर कदम रखना है। रास्ता सही है, स्पष्ट है - यह सोचने की भी आवश्यकता नही। बाप का कदम है ही श्रेष्ठ रास्ता। ■ साकार में फॉलो करना वा कदम पर कदम् रखना तो सहज है ना। ■ जिम्मेवारी लेने वाला जिम्मेवारी ले रहे है तो उसके ऊपर जिम्मेवारी सौपने नही आती है ? ■ साकार माध्यम को मार्गदर्शन स्वरूप बनाए सैम्पूल भी रखा फिर मार्ग पर चलना मुश्किल क्यो ? ■ साकार रूप में ब्रह्माबाप ने जैसे किया जो किया वही करना है। फॉलो फादर करना है। ■ हर संकल्प को वेरीफाई करो, बाप का संकल्प सो मेरा संकल्प है ? कापी करना भी नही आता ? ■ कदम रखना आपका काम है, चलाना, पार पहुँचाना, कदम-कदम पर बल भरना, थकावट मिटाना यह सब साथी का काम है। ■ और रास्ते पर जाते ही क्यो हो ?* और रास्ता अर्थात व्यर्थ संकल्प रूपी रास्ता। ■ हद के साथ कि आकर्षण चाहे किसी सम्बन्ध की, चाहे किसि साधन की अपने तरफ आकर्षित करती है इसी आकर्षण के कारण साधन को अपना साथी बना लेते हो वा सहारा बना देते हो तब अविनाशी साथी से सहारा छूट जाता है। ■ भाग्य विधाता ने आपका भाग्य बनाया है। भाग्य विधाता बाप होने के कारण हर ब्राह्मण बच्चे को भाग्य के भरपुर भण्डार का वर्सा दे दिया है। ■ बापदादा देखते है कि नाम सहज योगी है और अनुभव मुश्किल होता है। ■ मानते अपने को अधिकारी है और बनते अधीन हो।

** कुमारियाँ ** ■ कुमारियां अर्थात कमाल करने वाली। साधारण नही अलौकिक कुमारियां हो। ■ स्वयं भी उड़ती और दूसरों को भी उड़ाती - ऐसी कुमारियां हो ना। ■ बाप मिला तो सर्व सम्बन्ध बाप से है। सर्व रस बाप से मिलते है तो और तरफ बुद्धि जा नही सकती। ■ कुमारियां हर कर्म द्वारा बाप को प्रत्यक्ष करेगी। ■ भाषण करनेवाले तो सभी बनते है लेकिन अपने हर कर्म से भाषण करनेवाले वह कोटो में कोई होते है। ■ अपने चरित्र द्वारा बाप का चित्र दिखाना । ■ पक्की शक्ति सेना की शक्तियां हो, सेना छोड़कर जाने वाली नही। *स्वप्न में भी कोई हिला न सके। कभी संग दोष में आने वाली नही। ■ कुमारियों को सेवा का बहुत अच्छा चांस है और मिलनेवाला भी है क्योंकि सेवा बहुत है और सेवाधारी कम है। ■ कुमारियां बाबा के घर का श्रृंगार हो। कुमारियां है तो सेन्टर की रौनक है।

* टीचर्स के साथ * ■ टीचर्स अर्थात बाप समान। जैसे बाप वैसे निमित सेवाधारी। निमित नही तो बाप समान अनुभव नही करेंगे।* ■ बाप समान अति न्यारे और अति प्यारे।* ■ मेरा सेन्टर नही बाबा का सेन्टर। मेरा जिज्ञासु नही बाबा का। मेरा खत्म होकर तेरा बन जाता।* ** पार्टियों से ** ■ फरिस्ता अर्थात जिसकी दुनिया ही एक बाप हो। ■ फरिस्ता अर्थात देह और देह के सम्बंन्धो से कोई आकर्षण नहीं। निमित मात्र देह में। ■ फरिस्ता अर्थात कर्म करने के लिए देह का आधार लिया और फिर ऊपर। ■ फरिश्तो के संसार मे रहने वाले। ऊपर की स्थिति में रहने वाले। ■ रूहानी गुलाब अर्थात श्रेष्ठ आत्माये। ■ आजकल के समय प्रमाण रूहानियत की आवश्यकता है। इसी ऑक्यूपेशन में रहो , बिजी रहो। ■□■□■□■□■□■□■□■□■□ ★ वरदान और स्लोगन ★ ■□■□■□■□■□■□■□■□■□ वरदान:- ब्रह्मा बाप समान जीवनमुक्त स्थिति का अनुभव करनेवाले कर्म के बन्धनों से मुक्त भव। स्लोगन:- अपनी आत्मिक वृति से प्रवृति की सर्व परिस्थितियों को चेंज कर दो। मेरा बाबा

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