Aaj ki Gyan Murli se Ek Kavita - 6 April 2019. आज की मुरली से कविता. This is poem from today's baba's murli. To access old murli poems and more, visit the Daily Murli Poems page. Or Listen Audio Murli (Hindi & English) on our page: Daily Gyan Murli
* मुरली कविता दिनांक 06-04-2019 *
बाप 21 जन्मों के लिए बच्चों का दिल बहलाते
बच्चों को फिर मेले मलाखड़े याद कभी न आते
बाप के सहयोगी बच्चों को काल कभी न खाता
हर बच्चा 21 जन्म की अमरता का इनाम पाता
शांति स्थापन के बदले में जो इनाम बाप से पाते
ऐसा इनाम दुनिया वाले स्वप्न में भी सोच न पाते
सुखमय दुनिया में बच्चों तुम्हें काल नहीं खाएगा
लम्बी आयु भोगकर तुम्हें नया तन मिल जाएगा
पूरे कल्प में संगमयुग ही सबसे उत्तम कहलाता
इसी युग में बाप बैठकर ड्रिल करना सिखलाता
शांतिदाता बाप बहुत प्यार से बच्चों को पढ़ाता
उनका सानिध्य पाने वाला सुख बेहद का पाता
नजरों से दिखने वाली हर चीज को तुम भुलाना
अपनी बुद्धि में घर और राज्य की स्मृति जगाना
रजिस्टर अवश्य रखो अपने कैरेक्टर सुधार का
पुरुषोत्तम बनकर कल्याण करो सारे संसार का
बाप के आदेश पर बुद्धि को खाली करके सोना
सदा के लिए व्यर्थ विकारी सपनों से मुक्त होना
सच्ची सेवा करके तुम सबका आशीर्वाद पाओ
तकदीवान आत्मा होने का टाइटल सबसे पाओ
* ॐ शांति *
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