top of page

आज की मुरली से कविता 31 Jan 2019 (Today's Murli Poem)


Hindi Poem from today's murli. Aaj ki gyan murli se ek Kavita 31 Jan 2019. This poem is daily written on day's murli by BK Mukesh (Rajasthan). To read more Hindi poems written, visit Murli Poems page.

Shiv baba murli poem

* मुरली कविता दिनांक 31.1.2019 *

देही-अभिमानी बनकर विकल्प समाप्त करना

फिक्र से फारिग रहना किसी बात से ना डरना

बड़ी ही धीमी गति से अपना दैवी झाड़ बढ़ता

इसकी वृद्धि में माया का विघ्न बहुत ही पड़ता

देही अभिमानी बनने की बच्चों मेहनत करना

बाप और वर्से को याद करके बेड़ा पार करना

परमपिता परमात्मा ही रूहानी बाप कहलाता

सृष्टि चक्र का ज्ञान हमें आकर वही समझाता

खुद को तुम जितना देही अभिमानी बनाओगे

खुशी में रहकर अच्छी तरह सेवा कर पाओगे

अंगद और महावीर बच्चे मायाजीत कहलाते

निर्माण भाव से औरों को ईश्वरीय ज्ञान सुनाते

किसी बात में कभी तुम अहंकार में ना आना

सबको मनमनाभव का वशीकरण मंत्र सुनाना

बड़े प्यार और धीरज से सबको ज्ञान सुनाना

सभी धर्म वालों तक बाप का पैगाम पहुंचाना

अपना हर श्रेष्ठ संकल्प कर्म व्यवहार में लाओ

इसी विधि से मास्टर सर्वशक्तिमान बन जाओ

जिसकी जरूरत हो वही शक्ति काम में लाओ

सूक्ष्म और स्थूल शक्तियां कंट्रोल करते जाओ

ज्ञानी तू आत्मा बच्चों अगर क्रोध में आओगे

बाप की ग्लानी करने के निमित्त बन जाओगे

*ॐ शांति*

---- Useful links ----

.

Related Posts

See All

Yorumlar


Get Help through the QandA on our Forum

bottom of page