top of page

1 March 2019 आज की मुरली से कविता (Today Murli Poem)


Hindi Poem from today's murli. Aaj ki gyan murli se ek Kavita 1 March 2019. This poem is daily written on day's murli by Brahma Kumar (BK) Mukesh (from Rajasthan). To read more Hindi poems written, visit Murli Poems page.

* मुरली कविता दिनांक 1.3.2018 *

बाप और बच्चों की एक्टिविटी में फर्क है महान

बच्चों संग खेलकर भी बाप करता नहीं रसपान

कुसंग ने हम सबको ऊंचाई से नीचे दिया उतार

सत्य बाप संग बुद्धि लगाकर हो जाओ तुम पार

संग करके एक बाप का बाकी सम्बन्ध भुलाओ

याद में रहकर बाप समान पूरे पावन बन जाओ

ज्ञान योग की दो क्लास बच्चों को बाप करवाते

योग से पाप मिटाकर ज्ञान से ऊंच पद हम पाते

ज्ञान मार्ग हम बच्चों को सुख का वर्सा दिलाता

बच्चों को सुखधाम ले जाने बाप धरा पर आता

बाप को याद कर सोने समान पावन बन जाओ

सतयुगी निर्विकारी दुनिया में पवित्र शरीर पाओ

लगा ग्रहण जब राहु का सर्व कलाएं हुई समाप्त

तन मन के संग हर तरफ कालापन हुआ व्याप्त

अपना निरकार बिंदी स्वरूप बुद्धि में जब आए

आत्मा का सत्य रियलाइजेशन तब ही कहलाए

एक बाप के संग बैठने खाने का अनुभव करना

कुसंग छोड़कर केवल सत बाप के संग में रहना

सभी कर्मों का हिसाब याद की यात्रा से चुकाना

नई दुनिया के लिए खुद को ट्रांसफर करते जाना

बिंदु स्वरूप में स्वयं को तुम स्थित करते जाओ

मन बुद्धि को नेगेटिव के प्रभाव से मुक्त बनाओ

संकल्प बोल और कर्म में जो करता है जी हजूर

आज्ञाकारी का टाइटल उसको मिलता है जरूर

*ॐ शांति*

---- Useful links ----

Videos Gallery - YouTube playlist

.

0 views

Related Posts

See All

मुरली रिविज़न (Murli Main Points Revision)

मुरली रिविज़न 1 मिनट में. Quick revision of Shiv baba's Gyan murli of 30 June 2019. Murli points in Hindi. Also visit: Articles and Video Gallery ★ MURLI REVISION 【30】【06】【19】 अव्यक्त बापदादा * रिवाइज

bottom of page