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शिव बाबा को कैसे याद करे?


प्रश्न: शिवबाबा को कहाँ, कैसे याद करें इसको स्पष्ट करें क्योंकि बाबा कभी कहते है मुझे ऊपर याद करो और कभी कहते मैं नीचे आ गया हूँ। Question: How to Remember Shiv Baba? Please clarify because sometimes Baba tells in Murli that remember me in Paramdham (silent home) and sometimes tells that I have now come here. So where to remember and How?

Shiv baba ko Yaad

उत्तर (Answer):

मुरली में बाबा ने स्पष्ट किया है कि जब बाबा साकार तन में प्रवेश हो सन्मुख मुरली चला रहे हैं तभी मुझे उस तन में याद करना है। पहले शरीर जरुर याद आएगा क्योंकि बड़ी चीज याद करने में सहज है और उस आत्मा का आधार है, उससे ही आत्मा के गुण व कर्तव्य साकार में प्रकट होते हैं परन्तु उस देह में उपस्थित देही याने आत्मा को ही वैल्यू देनी है क्योंकि करावनहार तो अविनाशी चैतन्य आत्मा ही है । बाबा ने कई बार यह भी स्पष्ट रूप से कहा है कि ब्रह्मा तन में अवतरित मुझ निराकार को याद करो क्योंकि देह को याद करने से विकर्म विनाश नहीं होगा उसमें स्थित ज्योति बिंदु परमात्मा को याद करने से ही होगा । राजयोग की सही विधि अनुसार हमें स्वयं को निराकार ज्योतिबिंदु आत्मा समझ उस निराकार ज्योतिबिंदु परम आत्मा (सभी आत्माओ के बाप व पिता) को स्नेहयुक्त होकर याद करना है। स्नेह अथवा निःस्वार्थ प्रेम ( unconditional love ) का ही दूसरा नाम याद है । जहाँ सच्चा प्रेम नहीं वहाँ सच्ची याद भी नहीं हो सकती। Refer: परमात्मा का परिचय जब बाबा सम्मुख साकार में नहीं हैं तो उन्हें परमधाम में ही याद करना है । परमधाम तो है ही निराकारी दुनिया वहाँ तो निराकारी स्वरुप में ही याद करना है यह तो understood है। सूक्ष्म वतन है आकरी दुनिया, फरिश्तों की दुनिया वहाँ पर सूक्ष्म शरीर में निराकार को याद करना हैं। Refer: तीन दुनिया सार रूप में बाबा जब सम्मुख हैं तो साकार में निराकार को याद करें नहीं तो परमधाम में , सूक्ष्म वतन में आकार में निराकार को याद करें और परमधाम में डायरेक्ट निराकार को याद करें। जिस स्वरुप में परमात्मा को याद करते हैं स्वयं को भी उसी चोले में अर्थात स्वरुप में देखना है परन्तु चाहे कोई भी चोला हो या सम्बन्ध हो उस चोले में उपस्थित चैतन्य आत्मा की स्मृति नहीं भूलनी चाहिए नहीं तो आत्मा का पक्का कनेक्शन परमात्मा से नहीं जुड़ेगा और याद का बल भी जैसा और जितना मिलना चाहिए वैसा और उतना नहीं मिलेगा । ओम शांति... ---- Useful links ----

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