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अव्यक्त मिलन मंथन 31 12 2018 - Avyakt Murli Manthan


नये वर्ष 2019 की सभी ब्रह्मावत्सों को हार्दिक बधाई । पुराने वर्ष में पुराने स्वभाव संस्कार, पुराने सम्बन्ध, पुराने हिसाब किताब को समाप्त करने के लिए समय दिया गया था । गीता के 18 वे अध्याय की सम्पन्नता थी । अब 2019 में क्या करना है ? चेक करो सभी की स्थिति अर्जुन मिसल हो चुकी है नष्टोमोहा स्मृतिर्लब्धा की अवस्था को प्राप्त हो चुके हैं “ एक बाबा के सिवाय कुछ भी नहीं, एक बाबा में ही सारा संसार बसा हुआ है? । देह के सम्बन्ध, संस्कारों से पूरी तरह मुक्त हो गये हो ? पुरानी दुनिया से वैराग्य हो चुका है या नये वर्ष में भी पुरुषार्थ करना अभी शेष रहा हुआ है ?

चेकिंग करो खुद की और स्वयं निर्णय लो । ड्रामा समाप्ति पर है तो और कितना एक्सटेंशन मिलता रहेगा । खुद ही तैयार नहीं हुए हैं तो दूसरों को कब तैयार करेंगे । अमृतवेला योग, मुरली क्लास, स्थूल धारणायें, सेवायें तो इतने वर्षों से कर ही रहे हो अब नवीनता नहीं करना है क्या ? नवीनता क्या हो सकती है ? स्थूल से सूक्ष्म चेकिंग पर अटेंशन देना । जैसे मुरली क्लास से कौन सी विशेष पॉइंट को अपने जीवन में धारण किया, योग की कितनी गहराई में उतरे, बाबा से कितना दिल का सम्बन्ध जोड़ पाये, एक स्थान पर ही योग में कुछ समय के लिये रहे या सारा दिन कर्म करते हुए याद में कर्मयोगी की तरह पार्ट बजाया, धारणा पर अटेंशन केवल स्थूल में ही रही या मन, बुद्धि के स्तर पर भी रहा, सेवा केवल तन द्वारा ही करते रहे या चलन चेहरे द्वारा भी प्रत्यक्ष किया ।

ये सभी धारणाएं जब तक सूक्ष्म में नहीं होंगे तब तक प्रत्यक्षता नहीं कर सकेंगे क्योंकि परिवर्तन करने में स्थूल से सूक्ष्म की अधिक ताकत होती है । अभी तक आपने जो चार सब्जेक्ट की पढ़ाई की उसकी रिजल्ट बापदादा को इस नये वर्ष में दो । वह किस रूप में देना है ? आने वाली जनवरी मास ब्रह्मा बाप की ५०वी पुण्यतिथि के कारण विशेष है इसलिये पूरे मास में इस बातों पर विशेष अटेंशन दो :

१) बाप से सदा कंबाइंड याने एकरस स्थिति का अभ्यास

२) सभी को स्नेह व आत्मिक स्मृति से देखने का अभ्यास

३) चलते फिरते फ़रिश्ता स्थिति में रहने का अभ्यास

४) कोई भी परिस्थिति आये, मुरझाना नहीं, चेहरा सदा प्रसन्नचित रहे

५) कोई भी सेवा कर रहे हो निमित्त भाव और बेहद के भाव से विश्वकल्याण अर्थ करें, मेरा-तेरा की भावना से नहीं

६) ड्रामा में बहुत कुछ ऊपर नीचे हो सकता है लेकिन प्रश्नचित्त में ना आये, फुलस्टॉप लगाकर आगे बढ़ें ।

इसका अभ्यास सभी संगठित रूप से करेंगे तो एक वर्ष के लिए इसे कायम रखने का बल मिलेगा । ख़ुशी की खुराक और उमंग उत्साह के पंखआप को इस पुरुषार्थ में बल भरेगा और तीव्र गति से मंजिल तरफ उड़ायेगा ।

पुरानी कमजोरियों और स्वभाव संस्कारों के वही खाते को समाप्त कर नये उमंग उत्साह और जोश से नये वर्ष में सम्पन्नता और सम्पूर्णता की रिजल्ट देकर बाप समान बनने और बनाने की बधाई । जब तक स्व परिवर्तन नहीं होगा तब तक विश्व परिवर्तन का कार्य रुका रहेगा । ओम शांति ईश्वरीय सेवा में ...

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