Purusharth ki sahaj Vidhi. Gyan Murli se Points nilake hai. Aasha hai aapko pasand ayenga. Dharna karoge. (Yeh sirf ek example hai. Aap bhi aise hi ''point'' nikal sakte hai. SHARE jaroor kare.
Murli date: 16 Feb 2019 Sakar Murli.
आज की 16-02-2019 की मुरली से विशेष पॉइंट्स निकाले हैं
* ड्रामा की स्मृति *
हर एक आत्मा जो पार्ट बजा रही है, वह ड्रामा में एक्यूरेट नूँधा हुआ है। यह *अनादि और अविनाशी ड्रामा* है। तुम बच्चों को इस ड्रामा को ज्यों का त्यों साक्षी होकर देखना है ।
आत्मा बिन्दी निकल जाने से कुछ नहीं रहता। जैसे बिन्दी बाप वैसे बिन्दी आत्मा। इतनी छोटी आत्मा प्युअर इमप्युअर बनती है।
हिस्ट्री रिपीट होती है जो फिर 5 हजार वर्ष बाद जो भी पार्टधारी हैं वह अपना शरीर लेते हैं। एक नाम रूप देश काल छोड़ दूसरा लेते हैं।
कितनी छोटी आत्मा एक पार्ट बजाए फिर दूसरा बजाती है। 84 जन्मों का कितना बड़ा फिल्म रोल होगा। यह कुदरत है। कोई की बुद्धि में बैठेगा! है तो रिकार्ड मिसल, बड़ा वन्डरफुल है।
जानवर आदि जो भी कुछ हैं, सबके लिए कहेंगे फिर 5 हजार वर्ष के बाद देखेंगे । फर्क नहीं पड़ सकता। ड्रामा में सारी नूँध है।
जैसे ड्रामा की शूटिंग होती है। मक्खी उड़ी वह भी निकल गई तो फिर रिपीट होगी।
आत्मा ने कहा कैसे इसमें आते हैं, इतनी छोटी बिन्दी है। उनको फिर ज्ञान का सागर कहते हैं।
उस नाटक में कोई ऐसा पार्ट होता है तो जो कमजोर दिल वाले होते हैं वो रोने लग पड़ते हैं। है तो नाटक ना। यह रीयल है, इसमें हर आत्मा अपना पार्ट बजाती है। ड्रामा कभी बन्द नहीं होता है। इसमें रोने रूसने की कोई बात नहीं*।
कोई भी नई बात थोड़ेही है। अफसोस उनको होता है जो ड्रामा के आदि मध्य अन्त को रियलाइज नहीं करते।
तुमको कोई भी बात में अफसोस करने की जरूरत नहीं। सदैव हर्षित रहना है l
उस ड्रामा की फिल्म चलते चलते घिस जायेगी, पुरानी हो जायेगी फिर बदली करेंगे। पुरानी को खलास कर देते हैं। यह तो बेहद का अविनाशी ड्रामा है।
यह भी ड्रामा बना हुआ है। एक सेकेण्ड न मिले दूसरे से। कुछ न कुछ फर्क पड़ता है। ऐसे ड्रामा को ज्यों का त्यों साक्षी होकर देखना है।
जिनको बुद्धि में बैठता होगा, विचार सागर मंथन करते होंगे तो दूसरों को भी समझायेंगे।
तुम कोई को भी समझाओ कि तुम आत्मा हो। आत्मा ही परमात्मा को याद करती है। आत्मायें सब ब्रदर्स हैं। सब आत्माओं का पारलौकिक बाप एक है।
जो पक्के निश्चयबुद्धि होंगे उनको कोई फिरा नहीं सकते। कच्चे को जल्दी फिरा देंगे।
जिसके पास जितने ज्ञान रत्न होंगे उतनी खुशी भी होगी ही ।
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