Aaj ki Murli ka Saar - Today's Murli essence in Hindi. आज की मुरली का सार 6 May 2019. You can also listen today's murli (in Hindi & English)
“मीठे बच्चे - गृहस्थ व्यवहार में रहते हुए ऐसा ट्रस्टी बनो जो किसी भी चीज़ में आसक्ति न रहे, हमारा कुछ भी नहीं, ऐसा बेगर बन जाओ”
Q- तुम बच्चों के पुरूषार्थ की मंज़िल कौन-सी है?
A- आप मरे मर गई दुनिया - यही है तुम्हारी मंज़िल। शरीर से ममत्व टूट जाए। ऐसा बेगर बनो जो कुछ भी याद न आये। आत्मा अशरीरी बन जाये। बस, हमको वापिस जाना है। ऐसा पुरूषार्थ करने वाले बेगर टू प्रिन्स बनते हैं। तुम बच्चे ही फ़कीर से अमीर, अमीर से फ़कीर बनते हो। जब तुम अमीर हो तो एक भी गरीब नहीं होता है।
Dharna
1) अतीन्द्रिय सुख का अनुभव करने के लिए स्मृति रहे कि यही पुरूषोत्तम संगमयुग है जबकि हमें भगवान् पढ़ाते हैं, जिससे हम राजाओं का राजा बनेंगे। अभी ही हमें ड्रामा के आदि, मध्य, अन्त का ज्ञान है।-----
2) अब वापस घर जाना है इसलिए इस शरीर से भी पूरा बेगर बनना है। इसे भूल अपने को अशरीरी आत्मा समझना है।
Vardaan
बाप समान रहमदिल बन सबको क्षमा कर स्नेह देने वाले मास्टर दाता भव
जैसे बाप को रहमदिल, मर्सीफुल कहते हैं, ऐसे आप बच्चे भी मास्टर रहमदिल हो। जो रहमदिल हैं वही कल्याण कर सकते हैं, अकल्याण करने वाले को भी क्षमा कर सकते हैं। वह मास्टर स्नेह के सागर होते हैं, उनके पास स्नेह के बिना और कुछ है ही नहीं। वर्तमान समय सम्पत्ति से भी ज्यादा स्नेह की आवश्यकता है इसलिए मास्टर दाता बन सबको स्नेह देते चलो। कोई भी खाली हाथ न जाये।
Slogan
तीव्र पुरुषार्थी बनने की चाहना हो तो जहाँ चाह है वहाँ राह मिल जायेगी।
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