Aaj ki Gyan Murli se Ek Kavita - 9 March 2019. आज की मुरली से कविता. This is poem from today's baba's murli. To access old murli poems and more, visit the Daily Murli Poems page.
* मुरली कविता दिनांक 9.3.2019 *
बाप और वर्से को याद करते रहो तुम बारम्बार
निरोगी बनेगी आत्मा मिट जाएंगे सभी विकार
आंखों से जो कुछ दिखता वो खत्म हो जाएगा
हम सब बच्चों संग केवल बाबा ही रह जाएगा
आत्म चिन्तन के लिए एकान्तवासी हो जाओ
ज्ञान का चिन्तन करके आनन्दित होते जाओ
याद के समय तुम्हारा मन कहीं भाग ना पाए
सारा समय तुम्हारा बाप की याद में लग जाए
रावण के पिंजड़े से आजादी की खुशी मनाना
सदा बसन्त ऋतु वाली दुनिया में बच्चों जाना
रूहानी नशे में रहकर पुरानी दुनिया को भुलाना
स्वराज्य अधिकारी बनकर विश्व का राज्य पाना
हर सेकेण्ड और श्वाँस को तुम सेवा में लगाओ
सर्व खजाने सफल कर सफलतामूर्त कहलाओ
*ॐ शांति *
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