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3 April 2019 आज की मुरली से कविता (Today Murli Poem)


Aaj ki Gyan Murli se Ek Kavita - 3 April 2019. आज की मुरली से कविता. This is poem from today's baba's murli. To access old murli poems and more, visit the Daily Murli Poems page. Or Listen Audio Murli (Hindi & English) on our page: Daily Gyan Murli

Murli poems

* मुरली कविता दिनांक 03.04.2019 *

बच्चों तुम अपने बाप के पास रिफ्रेश होने आते

दुनियावी वायब्रेशन से न्यारे सत्य का संग पाते

झरमुई झगमुई की संसारी बातें कभी ना करना

अगर सुनाना चाहे कोई तो सुनी अनसुनी करना

बाप की याद में रहकर तुम ईश्वरीय सेवा करना

व्यर्थ बातें सुनने सुनाने में वक्त बर्बाद ना करना

बाप के महावाक्यों को अपनी स्मृति में जगाना

किसी भी सूरत में तुम ये महावाक्य ना भुलाना

रचता रचना के ज्ञान में अपनी बुद्धि को चलाना

ड्रामा का राज समझकर ही अपना पार्ट बजाना

सबकी विशेषता देखना दाता की देन समझकर

इसी विधि से चलते जाना आकर्षणमुक्त रहकर

व्यक्ति और वैभव के आकर्षण में अगर आओगे

बाप को भूलाकर तुम माया के वश हो जाओगे

ऐसा रूहानी सोशल वर्कर खुद को तुम बनाओ

हर भटकती आत्मा को अपने बाप से मिलाओ

*ॐ शांति *

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