Aaj ki Gyan Murli se Ek Kavita - 18 March 2019. आज की मुरली से कविता. This is poem from today's baba's murli. To access old murli poems and more, visit the Daily Murli Poems page.
* मुरली कविता दिनांक 18.3.2019 *
एक बाप ही हम बच्चों को सत्य ज्ञान सुनाता
केवल बाप से सुनने वाला ही ज्ञानी कहलाता
मनुष्य मत को छोड़कर ईश्वरीय मत अपनाना
ज्ञान सुनकर खुद को श्रीमत पर श्रेष्ठ बनाना
पुरुषोत्तम संगमयुग कल्प में एक बार आता
उत्तम पुरुष बनने वाला दैवी घराने को पाता
जन्म चौरासी होते ही बाप ब्रह्मा तन में आते
हमारे चौरासी जन्मों की कहानी हमें सुनाते
जो थे पहले देवी देवता अब हो गए साधारण
पाँच विकार आए तुम में देहभान के कारण
सत्य धर्म स्थापन करूँ मैं सत्य बाप तुम्हारा
जो कुछ अब तक सुना भूल जाओ वह सारा
उत्तम समय है संगम का जब आते भगवान
बच्चों को बना देते पावन देवी देवता समान
सबकुछ भूलकर बेहद के वैरागी बन जाओ
बाप से सुनकर उसकी मत पर चलते जाओ
बाप समान खुद को तुम जंक रहित बनाओ
ड्रामा का गुह्य रहस्य बाप से समझते जाओ
बाप का बनकर पाया है बेहद का अधिकार
निश्चिन्त होकर खुशी में तुम झूमो बारम्बार
हर जिम्मेदारी बाप के हवाले करते जाओ
सर्व प्रकार की चिंताओं से मुक्त होते जाओ
उदारचित होकर दिल रखो विशाल अपना
एकता की नींव डालने का पूरा होगा सपना
*ॐ शांति *
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