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आत्मिक फैशन

𝐏𝐨𝐞𝐭: BK Mukesh Modi

अपने सारे बोझ कर दो, शिव बाबा के हवाले
पीकर ज्ञानमृत का प्याला, हो जाओ मतवाले

खोल दो अपने मन के, सब खिड़की दरवाजे
बाप से मिलने की ख़ुशी के बजाते रहो बाजे

चिंता का मिटा दो, मन बुद्धि से नामो निशान
हमें मिल गया है, सर्वशक्तिमान शिव भगवान

मन में इतनी ख़ुशी हो, जो फूले नहीं समाओ
शुद्ध बनो इतने, जो सबके दिल को लुभाओ

देकर आत्मिक दृष्टि, सबके दुःख हरते जाओ
दयालु दृष्टि द्वारा सबको, निहाल करते जाओ

बुझा दो काम क्रोध के, ये धधकते हुए अंगारे
इनको अपना शत्रु समझो, ये मित्र नहीं हमारे

देह का फैशन छोड़ दो, ये तो सम्पूर्ण विनाशी
सद्गुणों से श्रृंगारों, अपनी आत्मा अविनाशी

आत्म शुद्धि के असली, फैशन को अपनाओ
आने वाले सतयुग में, सर्वोच्च पद को पाओ |

ॐ शान्ति ||

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