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  • Writer's pictureBrahma Kumaris

ब्रह्माकुमारी सेवाकेंद्र जाना क्यों जरुरी है?


OM SHANTI: ब्रह्माकुमारीज सेवाकेंद्र जाना क्यों जरुरी है? (Why is it important to stay connected with the BK RajYog centre? और इससे हमारे जीवन में क्या-क्या फायदे हो सकते हैं (and what are benefits in our Purusharti life by regularly going to the centre?) आप सभी ने ख़ुशी-ख़ुशी से राजयोग साप्ताहिक पाठ्यक्रम सम्पन्न किया।यह दिव्य ज्ञान की सम्पूर्ण अनुभूति व लाभ प्राप्त करने के लिए आपको ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय नज़दीकी सेवाकेन्द्र पर जाना भी अनिवार्य है।

■ सेवाकेन्द्र पर जाने से होने वाले फ़ायदे ■ सेवाकेंद्र क्या है ? एक स्कूल, ईश्वरीय विश्वविद्यालय है ,पाठशाला है , यूनिवर्सिटी है, अपने परमपिता का घर है l जैसे स्कूल में रजिस्टर में नाम लिखते हैं ऐसे सेंटर पर भी जाने वाले भाई बहनों की हाजरी लगती है घर पर यह सब नहीं होगा। ....... ....... ....... .......

Murli class by little Sister

✿ मुरली क्लास ✿

✻ सेवाकेन्द्र पर नियमित प्रातः 07:00 बजे मुरली निमित्त मुख्य बहनजी द्वारा सुनायी जाती है।सम्मुख मुरली सुनना हमारी शंकाओ का समाधान करता, हमें शक्ति प्रदान करता, व परमात्म मिलन का अनुभव कराता है। Reference: What is Gyan Murli?

✻ सेवाकेंद्र अर्थात ईश्वरीय घर परिवार जहाँ आत्माओं की रूहानी स्नेह से पालना होती है। जहाँ सब आत्माएं आकर ज्ञान, योग से अपने जीवन को श्रेष्ठ और पावन बनाती हैं। यह एक ईश्वरीय परिवार है जहाँ जन्म-जन्म से बिछड़ी हुई आत्मायें अपने पिता परमात्मा की शीतल छाया में एक अलौकिक सुख का अनुभव करती हैं। ✻ सेवाकेंद्र का वातावरण काफ़ी शांत और पॉवरफुल होता हैं जब हम सेवाकेंद्र पर जाकर योग करते हैं तो उसका अनुभव बहुत अच्छा होता है वो आत्मा को अंदर से भरपूर और संतुष्ट करने वाला होता है। ✻ ब्राह्मण हम उसी को कह सकते जो डेली सेवाकेंद्र जाए। हम गॉडली स्टूडेंट तभी कहलाएंगे जब नियमित सेवाकेंद्र जाएंगे। जो सेवाकेंद्र नहीं जाते वो ब्राह्मण कहला न सके चाहे 24 घण्टे पीऍमटीवी देख ले या ऑनलाइन में देखे। जो ब्राह्मण नही वो देवता भी नहीं बन सकते और जो देवता नहीं वो सतयुग में नहीं आ सकते। सेवाकेंद्र जाने से और ईश्वरीय परिवार से मिलने से हम दैवी परिवार से मिल सकेंगे। लेकिन अभी उनसे कनेक्शन नहीं तो वहा भी कनेक्शन नहीं। यहाँ के दैवी कुल से गहरे सम्बन्ध के आधार पर हम वहाँ भी उन आत्माओं के समीप आते हैं। ✻ सेवाकेंद्र पर बाबा का कमरा बना हुआ होता है जहाँ हम बाबा से रुहरिहान कर अपने मन की बात व प्रतिज्ञा भगवान बाप से कर सकते हैं। हमें सूक्ष्म वतन, माउंट आबू की और परमधाम की अनुभूति करवाता है जो हर किसी को घर में नहीं होती। ✻ जब क्लास में बहन जी मुरली सुनाते हैं तो बाबा ने कहा है, तो सूक्ष्म रूप में बाबा उनके अन्दर प्रवेश करके मुरली चलाता है, यह बाबा का बच्चों से प्रतिदिन मिलन है। मुरली सुनते वक्त हमें ये कॉनशियस में रखना है कि मैं आत्मा परमात्मा से मुरली सुन रहा हूँ और सम्मुख मुझे जो देखने वाला है इन नैनों के द्वारा, इस रथ के द्वारा वो बाबा है। परमात्मा के वचन को मैं परमात्मा के द्वारा सुन रहा हूँ । वह दृष्टि ही हमारा परिवर्तन करती है। ✻ संगठन में मुरली सुनने में शक्ति का अनुभव होता है। वहाँ पर जो सभी स्टूडेन्टस क्लास में होते हैं, उनका पॉजिटिव वायब्रेशन होता है, उनका ओरा और वृत्ति आपको हील करती है और आप में भी सकारात्मक परिवर्तन का उमंग आता है वहीँ से आपकी परिवर्तन प्रक्रिया आरम्भ होती है। ✻ जब हम सेवाकेंद्र पर जाकर मुरली सुनते हैं तो हमें मुरली ज्यादा अच्छे से समझ आती है। एक-एक पॉइंट हमारी बुद्धि में जैसे छप जाता हैं।क्योंकि वहाँ संगठन का भी बल मिलता और वहाँ हमें हंसो का संग मिलता हैं।सब ज्ञान रत्न चुगने वाले लेकिन अगर हम घर में ही मुरली सुनते हैं तो वहाँ हमें हंसो का संग नहीं मिल पाता। कोई ज्ञान में चलता हैं कोई नहीं चलता तो हमें कोई एक्स्ट्रा पॉवर नहीं मिल पाती। ....... ....... ....... ....... ✻ जब हम शुरू-शुरू में ज्ञान में चलते हैं तो हमारे लिए हर बात और कई मुरली में प्रयोग हुए शब्द नए होते हैं जो कई बार हमें समझ नही आते। मुरली पढ़कर भी हमारे मन में संकल्प उठते हैं जिनका सही जवाब हमें घर में मुरली पढ़ने से नहीं मिलता। लेकिन अगर हम सेवाकेन्द्र पर जाते हैं तो जो निम्मित बहने होती हैं मुरली सुनाने के लिए, वो हर बात को अच्छे से एक्सप्लेन करके सुनाती हैं।तो हमे मुरली का सही अर्थ समझ में आता है और हम उनसे अपने कई मन के प्रश्न भी पूछ सकते हैं। जिससे हम आगे बढ़ते हैं। ✻ अगर कई बार हमारे अन्दर हिम्मत नहीं होती है, कोई कमज़ोरी होती है, तो सेवाकेंद्र जाने से हमारे अन्दर बहुत शक्ति आती है, कि ये बात मुझे अपने जीवन में धारण करनी है। मुझे ये बात परिवर्तन करनी है, मेरे अन्दर ये कमी है।मुरली हमारा आईना बन जाती है उस वक्त।अगर वही महावाक्यों को हम घर पर सुनते हैं, तो उसका प्रभाव नहीं होता।वहाँ पर हमको रियलाइज़ेशन होता है डीप और जो परिवर्तन होता है, वो सिर्फ सम्मुख मुरली सुनने से ही होता है । ✻ ये मुरली कोई साधारण ज्ञान नही हैं।ये मुरली वही है जिसके लिए शास्त्रों मे गायन है कि कृष्ण मुरली बजाते थे और गोपिया अपनी सुदबुध खो बैठती थी। नंगे पैर मुरली सुनने दौड़ती थीं।अभी हम चैतन्य में गोपाल -गोपियाँ हैं और कोई स्थूल मुरली नहीं ये ज्ञान मुरली है जो परमात्म महावाक्य की सुरीली मधुर तान है। ✻ बाबा का एक-एक महावाक्य पदमों की कमाई कराने वाला है या ये कहो की अमूल्य है। वो हमें इतना सहज प्राप्त हो रहा है, उसके लिए हमें कुछ कदम चलके सेंटर जरूर जाना चाहिए। ✻ बाबा कहते हैं कि जिसे मुरली से प्यार है,उसे मुझसे यानि मुरलीधर से प्यार हैं। ✻ सेवाकेंद्र से हमें चार्जेबल वातावरण मिलता है क्योंकि वहाँ कई वर्षो से भाई/बहन तपस्या करते है। जो हमारी एकाग्रता और ज्ञान की धारणा करने की शक्ति को बढ़ाती है।

Baba room for meditation

✻ अगर घर में योग करने बैठते है वो अनुभव नहीं होगा क्योंकि कोई आपको योग करने नहीं देंगे, कोई कहा से बुलाएगा, आवाजें होंगी , किसी का कॉल आएगा..। सेंटर पर ये सब नहीं होता, इसलिए हम शांति, सुकून, पॉजिटिव वाइब्रेशन अनुभव कर सकते है। ✻ हमे सेवा की नई -नई गति विधियों की जानकारी मिलती है और हमें यह भी ध्यान में आता है कि किस - किस प्रकार की सेवा हम कर सकते है और सेवा कर हम अपना भाग्य भी बना सकते हैं। ✻ जब हम ईश्वरीय परिवार से मिलते है तो बेहद की दृस्टिकोण की जागृति आती है।इससे हमें एक अन्तरिंक बल मिलता है जिसके जरिये हमें लगता है कि हम अकेले नही दैवी परिवार साथ है। दूसरो को देखकर पुरुषार्थ बढ़ता है और ईश्वरीय परिवार का सपोर्ट भी रहता है। ....... ....... ....... ....... ✿ सेंटर पर जाकर सबके साथ रहते हैं तो सबकी विशेषताओं का भी पता चलता है सबके अनुभव भी सुनने को मिलते की कैसे-कैसे सब परिस्तिथियों का सामना करके भी बाबा के ज्ञान में चलते हैं। घर परिवार में रहते भी कैसे खुश और संतुष्ट रहते हैं। ✻ अलौकिक परिवार मिलता। सब देखकर खुश होते हमारा बिछड़ा हुआ भाई आ गया। ✻ सेवाकेंद्र जाते तो हमें ब्राह्मण परिवार की दुआएं भी मिलती। सब कहते देखो ये कितना अच्छा बाबा का बच्चा है रोज मुरली सुनता है, योग करता है। ✻ सेवाकेंद्र पर जाते तो देखते कैसे निम्मित बहने बाबा की याद में बैठती और मुरली सुनाती हैं तो उन्हें देखकर भी सीखने को मिलता। जो हम घर में रहकर नहीं सीख सकते। ✻ डिप्रेशन वाले लोगों को देखा जाये तो उनमें से 50% लोग का कहना होता है हमें कोई समझता नहीं, हम अकेले है, हमारे कोई नहीं है। लेकिन इस ईश्वरीय परिवार में जाने के बाद ऐसी सारी समस्या, शिकायते, दूर हो जाती है। ✻ हम घर में रहकर मैडिटेशन की सही विधि नहीं जान सकते, कैसे करना है, कब-कब करना है और सेंटर पर सबको साथ मैडिटेशन करते देख हमें भी हिम्मत आती है।नहीं तो अकेले करते तो हम नहीं जान पाते।इससे क्या-क्या लाभ होते। जब हम सम्मुख किसी का अनुभव सुनते तो हमें भी उमंग उत्साह आता मैडिटेशन करने का। ✻ घर में उनकी मैडिटेशन की जगह भी फिक्स नहीं होगी। कभी कोई कारण वश जगह बदलनी पड़ती होगी। सेंटर पर मडिटेशन के लिए अलग रूम होता है तो वहां ज्यादा समय भी मैडिटेशन कर सकते हैं। ✻ सेवाकेंद्र में प्रवेश करते ही परमात्म शक्ति , शांति का वायुमंडल का अनुभव होता है। क्योंकि वहां रोज़ परमात्मा द्वारा उच्चारे महावाक्य सुनाए जाते हैं। रोज़ मैडिटेशन होता है। परमात्मा के मधुर गीत बजते हैं। और योगी आत्माओं का रोज़ आना जाना होता है ।तो वह वायुमंडल उनको प्रभावित करेगा, कशिश करेगा सेंटर आने के लिए। ✻ बी.के भाई बहन भी अलग-अलग तरीके से मैडिटेशन करते हैं।वह सेंटर पर ही सीख सकते हैं। मैडिटेशन की भिन्न-भिन्न युक्तियां सेंटर पर ही आपको जाने पर मिलेंगी। ✻ घर में पीऍमटीवी (pmtv) पर देख कर कभी संकल्प चलेंगे कि एक ही तरह से मैडिटेशन में मजा नहीं आ रहा है। तो उन्हें सेंटर पर जाने से योग में भी मन लगता हैं। ✻ रेगुलर स्टूडेंट को दूसरों के लिए एग्जांपल के तौर पर दिखाते हैं।यह रेगुलर है। पढ़ाई, पढ़ने स्कूल जाना होता है घर पर अधूरी-अधूरी पढ़ाई होती है। ✻ सेवाकेंद्र पर कुछ अपने मन की उलझन या समस्या पूछनी हो तो कुछ भी पूछ सकते हैं ✻ सेवाकेंद्र जाने का फायदा - शरीर स्वस्थ रहेगा , प्रातः जल्दी तैयार होकर घूमना भी हो जाता , फ्रेश हवा भी मिलती, मॉर्निंग स्पिरिचुअल पिकनिक हो जाता है जिससे फिर पूरे दिन भर आपको शांति और ख़ुशी का अनुभव होता। ✻ सेवाकेंद्र नियमित जाएंगे तो धारणा पक्की होती जाएगी और फिर मधुबन (माउंट आबू) बापदादा मिलन में जाने की परमिशन मिल सकती है। ✻ सेंटर की दीदीयों की दृष्टि भी हम पर बहुत प्रभाव डालती हैं।जब उनसे सम्मुख बात करते तो पॉजिटिव वाइब्रेशन भी मिलते हैं। ✻ सेवाकेंद्र पर स्थूल सेवा होती, संगठन में योग, मुरली, पुरुषार्थ होता है। जिससे ज्ञान, योग में मजबूती आती है। सेवा से सहयोग और संगठन से शक्ति मिलती है।इससे उमंग- उत्साह बना रहता है ✻ सेवाकेंद्र पर जाकर आप नए लोगों को प्रदर्शनी समझा सकते, उन्हें कोर्स करवा सकते है, तो आपको बहुत ख़ुशी भी होगी और ज्ञान पक्का हो जायेगा। ✻ सेवाकेंद्र में भी अच्छे के संग, अर्थात तीव्र पुरुषार्थी भाई बहनों को देखने से हमें अपने कमियाँ और अवगुणों का पता चलता है। संग का भी रंग लगता है।वहां बाबा के बच्चों को देख कर हमें खुद भी उमंग-उत्साह आता है। घर में हम बाद में, बाद में कह कर मुरली को मिस भी कर देते हैं। ✻ जिस बी.के.शिवानी बहन का अडियो, वीडियो आप लोग सुनते या देख