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सच्ची दिवाली मनायें
𝐏𝐨𝐞𝐭: BK Mukesh Modi
आओ हम सब मिलकर, सच्ची दीवाली मनायें
मन में भरा व्यर्थ कचरा, योग अग्नि में जलायें
सफाई करें मन की, इसमें शुभ संकल्प जगायें
शुभ संकल्पों की सुगंध से, संसार को महकायें
पवित्रता धारण कर, भ्रातृत्व की दृष्टि अपनायें
नयनों में शीतलता, अधरों पर मुस्कान सजायें
शुभकामना भरी मिठाई, एक दूजे को खिलायें
ईश्वरीय ज्ञान के बम से, माया रावण को उड़ायें
मर्यादा पुरुषोत्तम बनने की, कसम आज खायें
सम्पूर्ण पवित्रता द्वारा हम, स्वर्ग धरा पर लायें ||
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