
राजयोग से जीवन आसान
𝐏𝐨𝐞𝐭: BK Mukesh Modi
क्यूं दुःख महसूस करूं, सुखकर्ता को मैंने पाया
दुःख से मुक्ति पाने का उसने, रस्ता मुझे बताया
प्रभु की मैं श्रेष्ठ संतान, मन पर किया ये अंकित
ईश्वरीय गुणों को किया, मैंने संस्कारों में संचित
स्वयं ईश्वर ने चुनकर मुझे, बनाया है श्रेष्ठ महान
बाबा को मन में समाकर, बना हूँ मैं बाप समान
दुःख की लहर आती नहीं, पाकर बाबा से प्यार
सुख सागर बाबा को मैंने, बना लिया घर संसार
बाबा ने बतलाया मुझे, दुःख का असली कारण
कारण के संग बाबा ने, बताया इसका निवारण
खुद को आत्मा समझकर, खत्म करना देहभान
प्रभाव शून्य तुम रहना, मिले चाहे मान अपमान
आत्मा परमात्मा का, निरन्तर करते रहना चिंतन
बाबा की छत्रछाया में, टूट जाएंगे दुःख के बंधन
आत्मभान में रहने से, ना आएगा दुःख का भान
कष्ट और पीड़ा से तेरी, मिटेगी सारी ही पहचान
बाबा की किरणों के नीचे, मिट जाएंगे दुःख सारे
खेवनहार बाबा तेरी नैया, लेकर आएगा किनारे
राजयोग ने मिटा दिए, दुःख के सारे नाम निशान
हर कठिनाई दूर हुई, जीवन बन गया है आसान |
ॐ शांति ||
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