top of page

बाबा मुझमें नजर आए
𝐏𝐨𝐞𝐭: BK Mukesh Modi
ना पीड़ मुझे ना दर्द मुझे, करे कोई अपमान मेरा
छप ही गया अब तो बाबा, मेरे दिल पर नाम तेरा
रक्त के संग संग तुझको, मेरी नस नस में समाया
तेरा बनकर हो गया मैं तो, सारी दुनिया से पराया
चढ़ा है रंग सुनहरा मेरे, मन की सभी दीवारों पर
तेरे प्यार के बल ने मुझे, जीत दिलाई विकारों पर
पावनता की सीढ़ी पर तू, मुझको हर रोज चढ़ाता
मुझसे ही पुरुषार्थ करवाकर, मेरी तकदीर बनाता
इतना प्यार करने वाले, बाबा को नहीं भुलाऊंगा
सब कुछ सहन करके, पावन स्वयं को बनाऊंगा
परिस्थिति का नहीं पड़ेगा, मुझ पर कोई प्रभाव
पावन बनाता रहूंगा मैं, प्रतिदिन अपना स्वभाव
कांटे पत्थर रोड़े अंगारे, अब रोक मुझे ना पाएँगे
अब तो मेरे सारे कदम, श्रीमत पर चलते जाएँगे
सहनशक्ति की ऊँचाई को, छूकर मैं दिखलाऊंगा
बाबा मुझमें दिखाई दे, स्वयं को ऐसा बनाऊंगा ||
" ॐ शांति "
Suggested➜

Get Help through the QandA on our Forum
bottom of page