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पहला नम्बर पाएंगे

𝐏𝐨𝐞𝐭: BK Mukesh Modi

एकान्तवासी होकर, आत्मचिन्तन करते जाओ
ज्ञान के हर बिन्दु का, मन मन्थन करते जाओ

अन्तर्मुखी होकर करो, अपने भीतर का दर्शन
बैठो बाबा की याद में, चलाओ चक्र स्वदर्शन

इसी अभ्यास से होगी, मन मन्दिर की सफाई
बाप के संग घर चलने की, घड़ी सुहानी आई

मिटने वाले इस जग से, अपनी बुद्धि हटा दो
व्यर्थ संकल्पों का उत्पादन, पूरा ही घटा दो

खा लो यह सच्ची कसम, लेकर हाथ में जल
श्रीमत के बल पर खुद को, पूरा ही देंगे बदल

अहंकार को छोड़कर, स्वाभाव बनाएंगे सरल
मोल्ड होंगे हम इतना, जैसे जल होता तरल

दधीचि मिसल देंगे हम, अपनी यज्ञ में आहुति
विश्व रंगमंच पर देंगे, हम अपनी श्रेष्ठ प्रस्तुति

हमारी श्रेष्ठ चलन देखकर, बाबा भी मुस्काएंगे
बाबा से तीव्र पुरुषार्थ का, पहला नम्बर पाएंगे ||

" ॐ शांति "

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