
मोह मिटाओ श्रेष्ठ पद पाओ
𝐏𝐨𝐞𝐭: BK Mukesh Modi
महाविनाश का समय, आया है बिलकुल पास
मिटने वाली दुनिया से, ले लो पूरा ही सन्यास
पता नहीं आने वाला पल, कौनसा रूप धरेगा
देगा हमें सुख या कष्टों से, हमारी झोली भरेगा
कष्टों के आने से पहले, कर लो अपनी तैयारी
आत्मभिमानी बनकर, छोड़ो मोह की बीमारी
जाना है सब छोड़कर, दिल को ये समझा लो
योगाभ्यास करके खुद को, नष्टोमोहा बना लो
आ जाओ शिव पिता की, छत्रछाया के अन्दर
रावण आ रहा बनकर, समस्याओं का समन्दर
छोड़ो विनाशी धन, करो ज्ञान रत्नों की कमाई
प्रभु मिलन की सुहानी घड़ी, देखो अब है आई
कट जाए जीवन अपना, इतना ही धन कमाओ
बाकी बची कमाई को, ईश्वरीय सेवा में लगाओ
अपना मन प्रभु की याद में, इस कदर खो जाए
अपनी देह और देह के रिश्ते, याद कोई न आए
बना लो अपना भाग्य, ये मौका फिर न आएगा
विनाशी सुख का त्यागी ही, श्रेष्ठ पद को पाएगा ||
" ॐ शांति "
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