
माला का मणका
𝐏𝐨𝐞𝐭: BK Mukesh Modi
गुणों की मालाओं का हमें, बाबा ने पहनाया हार
मालाओं से सदा सजे रहें, तो माया खायेगी हार
करें प्रतिज्ञा हम, आत्मा रूपी मणी को ही देखेंगे
सम्पूर्ण सृष्टि में माला के, मणके बनकर चमकेंगे
फॉलो फादर करते रहेंगे, हम कभी ना होंगे फैल
माला के नजदीक आयेंगे, मिटाकर मन का मैल
विजयीरत्न बनकर जब, सबको विजयी बनायेंगे
विजय माला के मणके का, टाइटल तभी पायेंगे
दिव्य गुणों की माला पहनी, हम सबने नम्बरवार
किंतु बाप हर बच्चे का, करते एक समान श्रंगार
ब्रह्मा के संग है सारा, अलौकिक ब्राह्मण परिवार
माला का मणका बनकर, निभाना है सबसे प्यार
सम्पूर्ण पावन बनकर, स्नेह सूत्र में पिरोये जायेंगे
विजय माला में हम बच्चे ही, पहला नम्बर पायेंगे
विकारों की बली देकर, हम महाबली कहलायेंगे
विजयी रत्न बनकर हम भी, अष्ट रत्नों में आएंगे
सब बातों में हम बच्चे, खुद को एकमत बनायेंगे
दिव्य मणके बनकर हम, माला में पिरोये जायेंगे ||
" ॐ शान्ति "
Suggested➜

Get Help through the QandA on our Forum