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खुश हो जाए भगवान

𝐏𝐨𝐞𝐭: BK Mukesh Modi

कुछ पल के जीवन पर, तू इतना क्यों इतराता
मौत सभी को आती यहाँ, कोई नहीं बच पाता

जब तेरी अपनी देह के, छूटने का समय आता
धन दौलत या परिजन, संग तेरे कोई ना जाता

हाड़ मांस का तेरा तन, अग्नि में जलाया जाता
हर संबंधी कुछ पल ही, तेरे लिए आंसू बहाता

दुनिया किसी के मरने पर, कभी ना रुक पाती
तेरे ही अपनों के दिल से, याद तेरी मिट जाती

भूल जाए दुनिया तुझे, ऐसा जीवन ना बनाना
याद रहे तू बरसों तक, कुछ ऐसा करके जाना

लोग तेरी भी महिमा गाए, ऐसा छेड़ अभियान
करके जा ऐसे कर्म, जो खुश हो जाए भगवान ||

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