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बाबा का उपकार
𝐏𝐨𝐞𝐭: BK Mukesh Modi
आपको पाकर मेरी सब तलाशें हुई पूरी
कोई और ख्वाहिश अब ना बची अधूरी
आपने मिटाई मेरे मन की हर तकलीफ
किन शब्दों में सुनाऊँ मैं आपकी तारीफ
आपका प्यार मिलता हम सबको बेशर्त
ना कोई भेदभाव है दिखे ना कोई फर्क
आपने मेरे सिर से टाल दी सारी बलाएं
मुश्किलों के सभी पत्थर रस्ते से हटाए
पुरुषार्थ पथ पर कहीं जले ना मेरे पाँव
विघ्नों की धूप में कर दी मेरे लिए छाँव
मेरे मन की आँखें बैठे हो आप चुराकर
रखता जाऊँ मैं श्रीमत पे कदम बराबर
आपके सामने खोले मैंने जीवन के राज़
मेरे सभी रोगों का आपने किया इलाज
अनुभव हो रहा मैं हूँ गुणों से मालामाल
आपके उपकारों से जीवन है ख़ुशहाल ||
" ॐ शांति "
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