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अनमोल शिक्षा
𝐏𝐨𝐞𝐭: BK Mukesh Modi
श्रीमत के विरुद्ध अगर, कोई भी ख़्याल आएगा
ऐसा ख़्याल सदा, शैतानी ख़्याल ही कहलाएगा
आलस के वश मत दो, तन को ज़रा भी आराम
मेरे साथियों आराम को, समझकर चलना हराम
कभी भी अपनी गलती, झूठ बोलकर न छुपाना
कुछ भी सहन करना पड़े, सच ही बोलते जाना
सेवाओं से बचने का, कोई बहाना नहीं बनाना
समय, श्वांस और संकल्प, सब सेवा में लगाना
दूसरों का धन पाने का, ख्याल कभी न लाना
दौलत की हवस के, शिकार में कभी न आना
घात लगाए बैठी माया, करती मौके की तलाश
प्रयास करेगी जीतने का, हमारा अपना विश्वास
क्षणिक भूल ही माया को, मौका देकर जाएगी
बच्चों का नाक कान, माया काटकर ले जाएगी
बाप की याद में रहकर, कर लो अपनी सुरक्षा
बाप अपने बच्चों को, देते यही अनमोल शिक्षा ||
" ॐ शांति "
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