In this post we are to talk about the 4 assets of Soul through which we create thoughts and emotions, and through which we make choices/decisions.
🍁आत्मा मुख्य 4 संसाधन द्वारा संकल्प करती व निर्णय करती है। हमारे यह ४ संसाधन है:
★मन (mind)
★बुद्धि (intellect)
★अहंकार (pride)
★चित्त (heart)
मानस (psyche)
🌷‘मानस’ मन का वह आयाम है जहां हमारी सब यादें बसती हैं। यह शरीर में किसी एक जगह नहीं होता, बल्कि पूरे शरीर में होता है। मानस यादों का एक विशाल भंडार है। आपको यह बिल्कुल याद नहीं होगा कि सात पीढ़ी पहले आपके पूर्वज कैसे दिखते थे, लेकिन उनकी नाक फिलहाल आपके चेहरे पर विराजमान है। मानस एक विशालकाय स्मृतिकोष है, जो बुद्धि को चलाने के लिए लगातार खुराक दे रहा है।
बुद्धि (intellect)
☘️ बुद्धि तथ्यपरक (Factual) है, यह तथ्यों को समझती है, उन्हें अपने भीतर उतारती है, उनका आकलन करती है और इस दुनिया के कामकाज में हमारी मदद करती है। लेकिन आध्यात्मिक दुनिया में बुद्धि का उतना महत्व नहीं है। 5 ज्ञानेंद्रियों (5 sense organs) के माध्यम से जो ज्ञान या सूचना मिलती है, बुद्धि उन्हीं की व्याख्या करती है। बुद्धि हमारे अनुभव के आधार पर ही हमें किसी चीज के बारे में बताती है। बुद्धि का ज्ञान तथ्यों पर आधारित होता है। जैसे सूरज पूरब से निकलता है या एक तरह का Fact यानी तथ्य है। तथ्यों के आधार पर ही बुद्धि इस दुनिया में काम करती है।
अहंकार (pride)
🌺अहंकार ego नहीं , बल्कि स्वयं धारण की हुई पहचान है। आपकी बुद्धि हमेशा आपकी पहचान की गुलाम होती है। आप जिस चीज के साथ भी अपनी पहचान बना लेते हैं, यह उसी के इर्द-गिर्द काम करती है। लोग अपनी पहचान ऐसी चीजों के साथ स्थापित कर लेते हैं, जिन्हें उन्होंने कभी देखा भी नहीं है, और उनके भाव इन्हीं चीज़ों से जुड़ जाते हैं। यही चीजें उनके जीवन की दिशा तय करती हैं। बुद्धि का सबसे अच्छा उपयोग तभी हो सकता है, जब आप अपनी पहचान को अपने से थोड़ा सा दूर रखकर धारण करें - जब तक आप चाहें इसके साथ खेलें और जब नहीं खेलना हो तो इसे दूर रख सकें।
चित्त (mind)
🦋 चित्त का मतलब हुआ ‘ चेतना ’, जो स्मृतियों से पूरी तरह से बेदाग हो। यहां कोई स्मृति नहीं होती है। चित्त मन का सबसे भीतरी आयाम है, जिसका संबंध उस चीज से है जिसे हम चेतना कहते हैं। अगर आपका मन सचेतन हो गया, अगर आपने चित्त पर एक खास स्तर का सचेतन नियंत्रण पा लिया, तो आपकी पहुंच अपनी चेतना तक हो जाएगी। जब आप अपने चित्त को छु लेते हैं, तब आप अपने शरीर एवं मन के अन्य तीन कार्य प्रणाली स्पष्टतः देख पायेंगे, और नियंत्रित भी कर पाएंगे।
योग विज्ञान में चित्त के बारे मे कहा गया है कि, 'जो अपने चित्त को छु लेता है, वह भगवान को भी अपने वश में कर सकता है।
EXTRA
🌻 मानव मन के 16 आयाम हैं – positive, negative, high arousal, low arousal, warmth, competence, agency, experience, emotion, reason, mind, body, social, nonsocial, shared, and unique हिंदी में 👉🏻 सकारात्मक, नकारात्मक, उच्च उत्तेजना, निम्न उत्तेजना, गर्मजोशी, क्षमता, एजेंसी, अनुभव, भावना, कारण, मन, शरीर, सामाजिक, गैर-सामाजिक, साझा करना/ बांटना और अद्वितीयता।
ॐ शांति 🪔
On Godly Service,
𝕾𝖆𝖒𝖆𝖉𝖍𝖆𝖓, 𝕾𝕭𝕾𝕴