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वो ही दिल को भाए

𝐏𝐨𝐞𝐭: BK Mukesh Modi

नैनो में बसा वो इतना, कि सुरमा सहा ना जाये
मेरे दिल की धड़कन, उसको ही आवाज लगाये

समझ नहीं आता, दिल है वो मेरा या मेरी जान
उसके बिना तो मुझको, जीना भी रास ना आये

उसका ही नाम आता है, मेरी हर सांस के साथ
आजकल उसकी याद, मुझे इस कदर तड़पाये

उसके होने का एहसास ही, सुकून देता है मुझे
सिर्फ उसकी मौजूदगी, मेरी सांसों को महकाये

उसके ख्यालों ने ही मुझे, कांटों से फूल बनाया
उस दया के सागर की, याद मुझे क्यों ना आये

मर गया तो भी हमसे, ये जुदाई सहन ना होगी
प्यार मुझे इतना है उससे, कैसे किसको बतायें

पूछ रही दुनिया भी, प्यार हुआ किससे तुझको
परमपिता शिव परमात्मा, वो ही दिल को भाये ||

" ॐ शांति "

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