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सुख को आता पाओगे
𝐏𝐨𝐞𝐭: BK Mukesh Modi
सबके जीवन में लगा हुआ, दुखों का अम्बार
नजर नहीं आया इसका, कोई उचित उपचार
चलेंगे उम्र भर संग ये, जुदा ये हो नहीं सकते
हैं लंबे कारवां गम के, कम ये हो नहीं सकते
दुनिया में जब से आए, मिले हमें इसके साए
छुड़ाएं कैसे पीछा हम, ये बात समझ न पाए
अपना हर गम हमें, कुछ बड़ा ही नजर आता
औरों के जीवन में, सुखों का ढ़ेर दिख जाता
सिर्फ यही बात नहीं मानी, हर दुखी इंसान ने
सब है कर्मों का फल, समझाया है भगवान ने
जब तुम औरों को, गम देना बंद कर पाओगे
जीवन में दौड़कर, हर सुख को आता पाओगे ||
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