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शब्दों का चुनाव
𝐏𝐨𝐞𝐭: BK Mukesh Modi
अपनी वाणी में शब्दों का, ठीक से करो चुनाव
निरर्थक वाद विवाद से, कर लो अपना बचाव
गलत शब्द कभी कभी, तीक्ष्ण बाण बन जाता
ना जाने कितने दिलों को, आहत ये कर जाता
मामूली सी बात पर हो जाते, अपने भी पराए
घर भी उजड़ जाते, जो थे प्यार से बसे बसाए
टूट जाते रिश्ते नाते, और खत्म हो जाता प्यार
उदासी आती जीवन में, नहीं सुहाता ये संसार
रोग नहीं ये महारोग, कर लो इसका समाधान
शुद्ध करो वाणी को, करके आत्म अनुसन्धान
भूले से भी ना हो किसी का, शब्दों से अपमान
मृदुभाषा अपनाकर सबको, देते जाओ सम्मान
शब्द वही अनमोल, जो लाए जीवन में मुस्कान
नफरत का मिटा दे जो, दुनिया से नाम निशान
स्नेहयुक्त मीठे बोल ही, जीवन को सुखी बनाते
वसुधैव कुटुम्बकम् का, साकार रूप दिखलाते ||
" ॐ शांति "
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