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बदला है मेरा संसार
𝐏𝐨𝐞𝐭: BK Mukesh Modi
भूला हूँ जब से सत्य रूप केवल दुख मैंने पाया
दास बना मैं इन्द्रियों का मालिक बन गई माया
धंसा विकारों के कीचड़ में पाप ही करता गया
अवगुण धारण कर अपने विवेक से मरता गया
खाया मुझे माया ने विकारों के जाल में फंसाकर
कौन मुझे निकाले अब उसके जबड़े से बचाकर
आँसू बहाकर मैंने अपना दुखड़ा सबको सुनाया
किन्तु इसका समाधान मुझे कोई बता ना पाया
परमधाम से अवतरित हुआ शिव पिता भगवान
उसने ही आकर बताई मुझे मेरी असली पहचान
दुःख पाने का सही कारण उसने ही मुझे बताया
राजयोग सिखाकर मुझे देह अभिमान से छुड़ाया
राजयोग के द्वारा मेरा विकारों से किनारा हुआ
ईश्वरीय मत अपनाकर बाबा का मैं प्यारा हुआ
मुक्त हुआ हूँ दुखों से पाता जाऊँ मैं सुख अपार
बाबा की शुभ शिक्षाओं से बदला है मेरा संसार ||
" ॐ शांति "
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